Diwali Puja Lakshmi Dhanteras Bhai Dooj , पंच दिवसीय दिवाली महोत्सव | दिवाली का
त्यौहार हमारे लिए खुशिया को त्यौहार होता है, दिवाली में हम
पांच दिन जिसको पंच दिवसीय दिवाली महोत्सव कहते है उसके बारे में जानते है |
पंच दिवसीय दिवाली महोत्सव
1. धनतेरस (Dhanteras):
धनतेरस शब्द
संस्कृत शब्द 'धन' (धन) और 'तेरा'
(अश्विन महीने में कृष्ण पक्ष का 13 वां दिन) से लिया गया है | इसको Dhanatrayodashi (धनत्रयोदशी) भी कहा जाता है | यह दिवाली का पहला दिन
होता है |
इस दिन धन की
देवी लक्ष्मी और देवताओं के खजाने कुबेर की पूजा की जाती है। हिंदू लोग इस दिन
सोने के गहने और चांदी के बर्तन खरीदते हैं |
2. छोटी दीवाली:
धनतेरस के अगले
दिन, छोटी दीवाली के रूप में मनाया जाता है | छोटी दीवाली को
नरक चतुर्दसी भी कहा जाता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, यह इस दिन है कि दानव
राजा नारकसुर की हत्या भगवान कृष्ण की पत्नी सत्यभामा ने की थी |
इस दिन
सूर्योदय से पहले स्नान किया जाता है | एसा माना जाता
है की एसा करने से नरक में नहीं जाना पड़ेगा |
3. लक्ष्मी पूजा(Lakshmi Puja):
दिवाली के
तिसरे दिन को दिवाली पर धन की देवी लक्ष्मी की पुँजा की जाती है |
लक्ष्मी पूजन
के दौरान,
पांच देवताओं की एक साथ पूजा की जाती है | भगवांन गणेश जिनकी पुँजा किसी भी शुभ कार्य की शुरवात से पहले की जाती है, इसके बाद देवी महालक्ष्मी की पुँजा की जाती है |महासरस्वती , महाकाली और कुबेर देव की भी पुँजा
की जाती है |
4.गोवर्धन पूजा और गुडी पाडवा:
गोवर्धन पूजा
उस दिन के रूप में मनाया जाता है जब भगवान कृष्ण ने देवराज इंद्र से गोवर्धन पहाड़ को उठाकर गोकुल के लोगों को
बचाया था।
इसी दिन श्री
कृष्णा ने अपनी छोटी उंगली पर गोवर्धन पहाड़ी उठाई और गोकुल के लोगों को इसके नीचे
आश्रय मिला।
गोवर्धन पूजा
भगवान कृष्ण को छप्पन भोग के साथ मनाया जाता है | कुछ स्थानों पर, इस दिन गुडी पाडवा के रूप में
मनाया जाता है।
5.भाई दूज (Bhai Dooj):
पांचवां दिन
होता है,
भाई दूज का | क भाई और बहन
के बीच प्यार के बंधन का यह दिन होता है |
पौराणिक कथा के
अनुसार,
इस दिन, मृत्यु के देवता यमराज
लंबे समय के बाद अपनी बहन यामी के यहाँ गए थे |
उस दिन यामी ने
उनका बहुत उत्साह से स्वागत किया, एक हार्दिक दावत तैयार
की और उनके माथे पर तिलक लगाकर उनका स्वागत किया |
यमराज अपनी बहन
के प्यार और आतिथ्य को देखकर इतने प्रसंन हुए की उन्होंने कहा कि हर साल, यदि कोई बहन अपने भाई के माथे पर तिलक लगती है तो
कोई भी उसे
नुकसान पहुंचाने में सक्षम नहीं होगा | इस प्रकार, भाई दूज भाइयों के लंबे जीवन के लिए मनाया जाता है |
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